तुम्हारी याद कितनी ख़ूबसूरत होती है बिलकुल जैसे- पहाड़ो पर ढलते सूरज की लालिमा जो,कुछ ही क्षण के लिए ही उन पहाड़ो की सूखी चोटियों को जान दे जाती है जो अरसे से बेजान पड़ी हुई हैं ................
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