कितना आगे बढ़ गए तुम
उस मोड़ से
जहाँ मुझे छोड़ के चल पड़े थे
तुम तो आगे बढ़ने के लिए चले थे वहाँ से
लेकिन किसी को यूँ बीच राह में छोड़
क्या कभी पैर कापें नहीं
उसके पैरों को जाम देख कर
जो आज भी सदियों से वही जाम है
जस के तस !
उस मोड़ से आगे तुम बहुत दूर चले गए
और बीच राह में रह गयी 'मैं'
अकेले खड़े !
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