Tuesday, 30 August 2016

तुम्हारी ओट !

देखो न वो चाँद कैसे छुप रहा है
उस बादल की ओट में
बिलकुल मेरी तरह
जैसे मैं खुद को छुपाती थी
तुम्हरी ओट में
इस दुनिया से !

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