Thursday, 30 June 2016

मैं, तुम्ही में !

देखो न वो चाँद कैसे छुप रहा है
उस बादल की ओट में
बिलकुल मेरी तरह
जैसे मैं खुद को छुपाती थी
तुम्हरी ओट में
इस दुनिया से !

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