Monday, 28 November 2016

एक नदी सी में !

पहाड़ की तलछटों में बहती एक नदी हूँ मैं,
और तुम,
उन तलछटों में बहते,
ऊँचे पर्वतों से गिरते हुए झरनें।
जिसे नदी अंततः खुद में ही समाहित कर लेती है।

2 comments:

  1. आप बहुत अच्छे लिखते हो


    Kya main aapki kuch pankti copy kr skta hu

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